डोनल्ड ट्रंप प्रशासन का कहना है कि उत्तर कोरिया पर काबू पाने के लिए सारे विकल्प खुले हैं. इसमें सैन्य कार्रवाई के साथ चीन पर दबाव की रणनीति भी शामिल है.

क्या ट्रंप की कोई रणनीति उत्तर कोरिया के ख़िलाफ़ काम कर रही है? उत्तर कोरिया के सबसे बड़े सहयोगी चीन का भी कहना है कि वह परमाणु कार्यक्रम से क़दम पीछे खींच ले. इन सबके बावजूद उत्तर कोरिया थमने का नाम नहीं ले रहा है.
ऐसे में उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन को कैसे रोका जा सकता है?

हाल ही में उत्तर कोरिया के ख़िलाफ़ संयुक्त राष्ट्र ने कई आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे. इस प्रतिबंध का चीन ने भी समर्थन किया था. हालांकि उत्तर कोरिया को लेकर चीन से ट्रंप की शिकायत ख़त्म नहीं हुई है. इस मामले में ट्रंप कई बार चीन की ट्विटर पर शिकायत कर चुके हैं. उत्तर कोरिया और चीन के बीच आयात-निर्यात अब भी जारी है.

ट्रंप का क्यों लगता है कि चीन काम करेगा?
ट्रंप को लगता है कि उत्तर कोरिया समस्या का निदान चीन के सहयोग से आसानी से किया जा सकता है. अमरीकी राष्ट्रपति ने इसे लेकर ट्वीट भी किया था. आख़िर ट्रंप को चीन के साथ ऐसा क्यों लगता है?

चीन के दक्षिण कोरिया से संबंध ख़राब होना उत्तर कोरिया से क़रीब होने की कहानी को बयां करता है. दूसरी तरफ़ दक्षिण कोरिया और अमरीका के बीच गहरे संबंध हैं. ट्रंप के कहने भर से चीन उत्तर कोरिया को लेकर अपनी नीति में बदलाव नहीं कर लेगा. चीन ख़ुद को वैचारिक स्तर पर एक दलीय राज्य के रूप में असुरक्षित महसूस करता है.
अगर उत्तर कोरिया में कोई सत्ता परविर्तन होता है तो इसका असर चीन में भी पड़ेगा. चीन नहीं चाहता है कि उसके देश में सत्ता के ख़िलाफ़ जनता अवाज़ उठाए. चीन उत्तर कोरिया में किम जोंग-उन का समर्थन करता है.

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