भोपाल ! मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज घोषणा की है कि जिला पंचायत अध्यक्षों को राज्य मंत्री के अधिकार दिये जायेंगे। उनके पास विकास कार्यों से संबंधित सभी नस्तियाँ भेजने की व्यवस्था की जायेगी। शर्त यह होगी कि पाँच दिन में निराकरण कर अनुमोदित करें नहीं तो स्वमेव अनुमोदित मानी जायेगी।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार श्री चौहान ने कहा कि जनपद पंचायत अध्यक्षों को भी पूरे अधिकार दिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि सच्चे अर्थों में सरपंचों को अधिकार संपन्न बनाना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्वाचित सरपंचों और पंचों के काम तय होंगे। पंचों को हर बैठक का अब 100 के बजाय 200 रूपये मानदेय मिलेगा।
जिला पंचायत अध्यक्षों को गनमेन की सुविधा देने की घोषणा करते हुए श्री चौहान ने कहा कि यह सुविधा समाज में रूतबा दिखाने का प्रतीक नहीं बनना चाहिये। उन्होने कहा कि जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत उपाध्यक्षों और सदस्यों को भी अधिकार संपन्न बनाया जायेगा ताकि उनके पास अपने विवेक से विकास कार्यों पर राशि खर्च करने का अधिकार हो। इसी प्रकार जनपद पंचायत अध्यक्षों के लिये भी राशि खर्च करने की सीमा तय की जायेगी।
श्री चौहान ने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों के कुछ अधिकारों के लिये भारत सरकार से अनुरोध किया जायेगा। इसके लिये पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि-मंडल केन्द्रीय पंचायत मंत्री से मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने पंचायत प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे भ्रष्टाचार को समूल नष्ट करने का संकल्प लें। उन्होने कहा कि सचिव के स्थानांतरण में अब सरपंच की सहमति जरूरी होगी। जहाँ मंत्री उपलब्ध नहीं होंगे जिला पंचायत अध्यक्ष झंडा फहरा सकेंगे। ग्राम पंचायत में विकास के कामों को ग्राम सभा प्रस्तावित करेंगी और सरपंच अनुमोदित करेंगे। उन्होंने कहा कि बँटवारे और नामांतरण के अविवादित प्रकरण के निराकरण का अधिकार ग्राम पंचायतों हो दिया जायेगा। ग्राम पंचायत का सचिव सरपंच के सचिव के नाते काम करेगा। ग्राम पंचायतों में विकास के लिये निश्चित सीमा तक अग्रिम राशि उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की जायेगी।
श्री चौहान ने पंचायत प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे सूखे को देखते हुए अपनी पंचायतों में मनरेगा के ज्यादा से ज्यादा काम शुरू करें। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 तक हर नागरिक को आवास और आवासहीन को आवासीय पटटा देने का संकल्प पूरा करने में पंचायत प्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
सूखे की चर्चा करते हुए श्री चौहान ने कहा कि किसान संकट में हैं। किसान यह साल हारे हैं लेकिन उन्हें जिन्दगी नहीं हारने देंगे। उन्होंने बताया कि सभी विभाग में 15 प्रतिशत तक बजट कटौती कर किसानों को दिया जायेगा। प्रभावित किसानों को राहत दी जा रही है। इस माह के आखिरी तक फसल बीमे की राशि भी मिल जायेगी। किसानों को अगले साल भी फसल ऋण पर ब्याज नहीं लगने देंगे और इस साल भी ब्याज की राशि सरकार भरेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *