ग्वालियर। चेन्नई से दिल्ली की ओर जा रही जीटी एक्सप्रेस (12615) गुरूवार-शुक्रवार दरमियानी रात्रि में द-बर्निग ट्रेन बन गई। ट्रेन के दो  एसी कोच आग की लपटों से घिर गए। यह घटना रात्रि दो बजे सिथौली रेलवे स्टेशन के पास घटित हुई। यात्रियों ने ट्रेन की चेन खींचकर अपनी जान बचाई। आग का कारण शार्ट सर्किट बताया जा रहा है। घटना के समय दोनों कोचों के अंदर करीब 120 यात्री सफर कर रहे थे। इस घटना में एस-8 कोच में सफर कर रहे दिल्ली निवासी एक यात्री की मौत हो गई। घटना में यात्रियों का लाखों रूपए का सामान जलकर स्वाहा हो गया।
जानकारी के मुताबिक ट्रेन अपने निर्धारित समय से लेट चल रही थी। ट्रेन जैसे ही डबरा निकली थी कि थर्ड एसी के कोच बी-1 में सवार लोगों को धुएं की महक आई। यात्रियों ने एक दूसरे को जगाया। इस दौरान धुआं और तेज हो गया। तत्काल ट्रेन रोकने के लिए चेन खींची गई और टीटीई को पूरे मामले की जानकारी दी गई। इन सबके बीच में करीब 15 से 20 मिनट लग गए और आग भड़क गई। ट्रेन के अंदर यात्री अपनी जान बचाने के लिए पिछले कोचों में पहुंचे। तब तक ट्रेन सिथौली स्टेशन को पार कर गई थी। इस बीच दूसरे कोच बी-2 को भी आग की लपटों ने घेर लिया। उसके यात्री भी जान बचाने के लिए ट्रेन रूकते ही कूद पड़े।
इस घटना की सूचना तत्काल ग्वालियर स्टेशन को दी गई। यहां से तत्काल फायर ब्रिगेड और पुलिस प्रशासन को सूचित किया गया। सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड, रेलवे स्टाफ और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए। फायर ब्रिगेड की जब गाडियां पहुंची, दो कोच आग से धधक रहे थे। फायर ब्रिगेड की सात गाडियों ने आग पर काबू पाया। इसी बीच एस-1 कोच के एक यात्री एसके वर्मा उम्र 50 निवासी दिल्ली की मौत हो गई। मौके पर मौजूद रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक उक्त यात्री की मौत हार्टअटैक से हुई है। बताया जाता है कि उक्त व्यक्ति की मौत के बाद किसी ने उसके 40 हजार रूपए तक निकाल लिए।

ट्रेन के अंदर लगे होने वाले सुरक्षा उपकरण आग लगने के बाद काम ही नहीं किए। यात्रियों ने आग लगने के बाद तत्काल सुरक्षा उपकरणों का उपयोग किया,लेकिन कोशिश बेकार रही। सुरक्षा उपकरण काम न करने से आग को प्रारंभिक स्तर पर ही नहीं रोका जा सका।
यात्री दुल्लीचंद ने बताया कि वह बेल्लौर से नई दिल्ली जा रहा था। तभी कोच के अंदर दम से घुटने लगा। कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। जैसे-तैसे कोच के अंदर से बाहर आकर अपनी जान बचाई।

घनघोर अंधेरे के कारण फायर ब्रिगेड कर्मी और प्रशासनिक अधिकारियों को कोच तक पहुंचने के लिए काफी मशक्कत करना पड़ी। झाडियों के बीच से होकर घटना स्थल तक पहुंचने के लिए पाइपों को जोड़कर आग बुझाई। इस दौरान फिसलने से कई कर्मचारी चोटिल भी हुए।

घटना के बाद स्थल पर यात्रियों में अफरा-तफरी मची हुई थी। रेलवे ने दूसरे कोचों को आग से बचाने के लिए शटिंग के माध्यम से शेष कोचों को अलग किया। उन्हें दूर ले जाकर खड़ा किया गया। इसके साथ ही ओएचई सप्लाई को बंद कर दिया गया। अप-डाउन रेल मार्ग को यातायात के लिए रोक दिया गया। सभी ट्रेनें ग्वालियर सहित पिछले स्टेशनों पर खड़ी रहीं।

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