भोपाल। रॉयल मार्केट के समीप स्थित विद्युत वितरण कम्पनी के कार्यपालन यंत्री उत्तर संभाग के कार्यालय में महिला कर्मचारी की गला रेतकर हत्या कर दी गई। लुटेरों ने शनिवार शाम छह बजे वारदात को अंजाम देने के बाद दफ्तर के कैश काउंटर से दो लाख रूपए लूट लिए। लुटेरों की संख्या स्पष्ट नहीं है। यह कार्यालय कोहेफिजा थाना से महज 500 मीटर दूर है। घटना की जानकारी मिलने के बाद एडीजी विजय यादव समेत अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहंचे।

लुटेरे ने सर्किल कार्यालय के दो नम्बर कैश काउंटर के भीतर घुसकर महिला कैशियर मीरा आहूजा के गले में छुरे से हमला किया। लुटेरे के हमले में जख्मी महिला कैशियर कैश काउंटर से निकलकर सर्किल कार्यालय के दूसरे कमरे में पहुंची। इससे पहले लुटेरा कैश काउंटर से करीब दो लाख रूपए लूटकर भाग चुका था। छुरा लगने के बाद घायल मीरा सर्किल कार्यालय की सीढियां चढ़ने के बाद बरामदे में बेहोश हो गईं। यह देख यहां सुरक्षा में तैनात कर्मचारी मुरली भिमटे की मदद से कार्यालय में अटैच एक कार से उसे मेयो अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल के कर्मचारी राकेश सिंह चंदेल ने बताया, उनकी सांसें उखड़ चुकी थीं। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित करके पुलिस को सूचना दे दी।

सुरक्षाकर्मी भिमटे ने बताया कि मीरा बदहवास होकर खून से लथपथ दौड़ती आ रही थीं। इस कारण मैं भी गेट से भागता हुआ उनके पीछे-पीछे सर्किल कार्यालय में पहुंचा। चाकू मारने के बाद लुटेरा कैश काउंटर में मौजूद था। वह पैसा बटोरने के बाद करीब दो मिनट वहां मौजूद रहा। भागने के लिए उसने सर्किल कार्यालय से दूर एक तरफ स्थित कैश काउंटर के बाजू में स्थित खाली इलाके को चुना। वह जर्जर शेड से सटकर लगे पेड़ का सहारा लेकर पीछे कॉलोनी की गली में उतर गया।

lस र्किल कार्यालय में चार कैश काउंटर हैं। इन काउंटर में उपभोक्ताओं की भीड़ के अनुसार डयूटी लगाई जाती है। फिलहाल भीड़ नहीं होने के कारण दो नम्बर कैश काउंटर पर मीरा आहूजा थीं। चारों कैश काउंटर को मुख्य सड़क से आसानी से देखा जा सकता है। संभावना जताई जा रही है कि वारदात में एक से अधिक लुटेरे शामिल हैं, जिन्होंने वारदात को अंजाम देने से पहले पूरी रेकी की है। इसके बाद एक लुटेरे को मेन रोड पर निगाह रखने के लिए दूसरे को वारदात के लिए इस्तेमाल किया गया हो।

पूछताछ में पता चला है कि मीरा के पति रमेश के देहांत के बाद उसे अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। मीरा हलालपुर बस स्टैंड के पीछे ओम नगर में रहती थीं। मीरा ने अधिकतर नौकरी डिस्पैच और अन्य शाखा में की है। करीब पांच माह पहले उसे यहां काम सौंपा गया, जिसका उसने विरोध भी किया था। मीरा की डयूटी दोपहर डेढ़ से शाम साढ़े छह बजे तक थी। घटना के दौरान सर्किल कार्यालय के दर्जनों अफसर और कर्मचारी मौजूद थे। इसके बावजूद वे लूटपाट की घटना से बेखबर थे। अफसर जब मीरा के काउंटर पर पहुंचे तो वहां खून के अलावा एक बड़ा छुरा भी मिला। सुरक्षाकर्मी मुरली भिमटे ने बताया, उसने एक व्यक्ति को भागते देखा था। हालांकि, लुटेरे दो या दो से अधिक थे।

 

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