नयी दिल्ली ! भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्यों के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नीति आयोग के गठन के विचार से बहुत खुश हैं और उन्हें लगता है कि योजना आयोग में वह मांगने के लिये आया करते थे लेकिन नीति आयोग की बैठक में उन्हें महसूस हुआ कि वह विकास में भागीदारी के लिए आये हैं।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यहां संवाददाताों से कहा कि उन्हें आज लगा कि वह कुछ मांगने नहीं बल्कि भागीदारी के लिये आयें हैं। श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश के विकास के वास्ते मुख्यमंत्रियों के तीन उपसमूहों के गठन का निर्णय लिया है। ये उपसमूह विकास में राज्यों की भूमिका व्यावहारिक रूप से आगे बढायेगें।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री स्वयं मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं इसलिये राज्यों की कठिनाइयां जानते हैं। इसलिये उन्हें उम्मीद है कि राज्यो की भूमिका नीति आयोग में भागीदार के रूप में होगी जिससे विकास की गति भी तेज होगी।
छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने प्रधानमंत्री निवास के बाहर संवाददाताों से बातचीत में कहा कि नीति आयोग को संवैधानिक र्दजा दिया जाना चाहिये .जो अंतर्राज्यीय परिषद के विकल्प के रूप में अधिक प्रभावी कार्य कर पायेगा। उन्होंने कहा कि नीति आयोग में विभिन्न राज्यों में हुए र्सवश्रेष्ठ कार्यक्रमों का उल्लेख किया जाएगा जिससे अन्य राज्य उन्हें अपना सकें। इसके साथ ही विफल कार्यक्रमों के बारे में भी चर्चा की जाएगी ताकि अन्य राज्य वैसी गलतियों से बच सकें।
डा. सिंह ने कहा कि नीति आयोग एक ऐसे थिंक टैंक भी भांति काम करे जिससे राज्यों को अन्य राज्यों की विशेषज्ञता का लाभ मिल सके।हरियाणा. झारखंड और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों ने भी संवाददाताों से बातचीत में ऐसे ही विचार व्यक्त किये।

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