सेंचुरियन । भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने दूसरे टेस्ट मैच से पहले कहा कि पहले मैच में भारतीय बल्लेबाजी क्रम के ढहने पर घबराने की जरूरत नहीं है। खिलाड़ियों को अपना खेल दिखाना चाहिए चाहे हम पांच बल्लेबाजों के साथ खेल रहे हों या छह बल्लेबाजों के साथ। अगर आप छह बल्लेबाजों के साथ खेल रहे हो तो उसका मतलब यह नहीं कि आप जाओगे और पहली ही गेंद से शॉट मारने लगोगे। आपको ठोस तकनीक की जरूरत होगी।

अजिंक्य रहाणे को अंतिम एकादश में मौका देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कैसे एक सप्ताह या पांच दिन में चीजें बदलती हैं। पहले टेस्ट के पहले कोई यह नहीं सोच रहा था कि वह अंतिम एकादश में होंगे, अब लोग अचानक से नए विकल्प के बारे में बात कर रहे हैं। एक टीम के तौर पर हमें सही संतुलन ढूंढना होता है। बाहर क्या चल रहा है हम इसके आधार पर चयन नहीं करते। रहाणे बेहतरीन खिलाड़ी हैं। उन्होंने सभी परिस्थितियों खासकर विदेश में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। मैंने पहले बताया था कि रोहित क्यों अंतिम एकादश में हैं। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि वह टीम में नहीं हो सकते। सभी विकल्प खुले हुए हैं।

जीवित पिच

जब उनसे पूछा गया कि क्या यह अलग पिच है तो उन्होंने कहा कि मैं ऐसा नहीं सोचता। यह जीवित पिच लग रही है। पिच ऐसी ही होनी चाहिए जिसमें दोनों टीमों को मौका मिले। हम जो सोच रहे थे और जैसा चाह रहे थे ये वैसी ही है। केपटाउन में जो पिच थी उसमें कई उतार-चढ़ाव आए और दबाव में आने के बाद भी हमने कई बार वापसी की। उन्होंने कहा कि जब मैं यहां आया था तो मैंने कहा था कि हम यहां के बाउंस को लेकर चकित नहीं होंगे। अन्य देशों में भी पिचों पर उछाल मिलता है, लेकिन यहां सीधा उछाल मिलता है। यहां गेंद आगे टिप्पा खाने के बाद भी खड़ी हो जाती है। आपको मानसिक तौर पर इसके लिए तैयार रहना होगा।

दक्षिण अफ्रीका में बल्लेबाजी करने के लिए आपको इसे स्वीकारना होगा। एक टेस्ट मैच खेलने के बाद हमें इसके बारे में ज्यादा अनुभव हो गया है और हमें पता है कि गेंद किस तरह बल्ले पर आएगी। पहले टेस्ट से हमें बहुत अनुभव मिला है। मुझे अभी भी लगता है कि यहां की पिच पर न्यूलैंड्स की तरह ही तेजी और बाउंस होगा। हमें लगता है कि पिछले अनुभव से सीखते हुए हमारे बल्लेबाज इस मैच में बेहतर करेंगे।

टीम संयोजन

विराट से जब पूछा गया कि क्या वह ओपनिंग में बायें-दायें हाथ के बल्लेबाज के संयोजन से ही जाएंगे, क्योंकि उन्होंने पहले टेस्ट से पूर्व इसकी पैरवी की थी तो उन्होंने कहा कि हमें घबराने की जरूरत नहीं है, खासतौर पर ओपनिंग को लेकर। हो सकता है कि हम कुछ अलग करें, लेकिन इसके लिए घबराने की जरूरत नहीं है। हमारे बल्लेबाजी क्रम ने पिछले कई वर्षो से अच्छा किया है। विदेशों में भी उनका प्रदर्शन अच्छा रहा है इसलिए हमें यहां की परिस्थितियों को अपनाकर उसके हिसाब से खेलने की जरूरत है।

कोहली ने पिछले 33 टेस्ट मैचों में हर बार अंतिम एकादश में बदलाव किया है। जब उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि परिस्थितियों और कई बार खिलाड़ियों के चोटिल होने के कारण संयोजन में बदलाव करना होता है। टीम के प्रदर्शन के आधार पर संतुलन बनाना मुश्किल और आसान होता है। बल्लेबाजी अच्छा नहीं कर पाई, लेकिन गेंदबाजों को लेकर मैं परेशान नहीं हूं। जब आप विदेश में खेलते हैं तो आपको 60-70 रन अतिरिक्त बनाने होते हैं।

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