ग्वालियर।भिण्ड जिले में शिक्षा एवं स्वास्थ्य की स्थिति काफी खराब है। यह बात किसी नेता ने नहीं बल्कि मध्यप्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिर्देशक गाजीराम मीणा ने कही है। ग्रामीण क्षेत्र का भ्रमण करने आए एडीजीपी मीणा स्थानीय बिहारी स्कूल में कल शाम को स्वच्छता के लिए शपथ कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि शासन द्वारा सामुदायिक भवन, स्कूल भवन, आंगनबाडी केन्द्र और नल जल के लिए टंकियों का निर्माण कराया गया है, लेकिन इनके बंद पडे होने के हालात बने हुए है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जब नेता दबाव बनाते हैं तब निर्दोष व्यक्ति मामले में फंस जाता है और वह फिर अपराध जगत में कूद जाता है। निर्दोष व्यक्तियों को अपराध की दुनियां में धकेलने का काम यहां के स्थानीय नेता करते है। मीणा ने कहा कि वह भिण्ड के पुलिस अधीक्षक रहे हैं तब उन्होंने यहां की स्थिति देखी है और लोगों को समझा है। भिण्ड में कोई व्यक्ति सज्जनता से अपना व अपने परिवार का भरण-पोषण करना चाहे तो नहीं कर सकता। यहां अधिकारियों व कर्मचारियों को भी नेताओं के इशारे पर काम करना पडता है।
एडीजीपी गाजीराम मीणा ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छता मिशन शुरु किया गया है। लोगों को सफाई के लिए स्वयं आगे आना चाहिए। कलेक्टर इलैया राजा टी ने स्वच्छता अभियान शुरु किया है। युवा अधिकारी ऐसी पहल कर रहे हैं तब नागरिकों को भी इसमें साथ देना चाहिए। तीन दिवसीय भ्रमण पर आए मीणा ने भिण्ड जिले के रौन-मिहोना का जिक्र करते हुए कहा कि कर्मचारी भिण्ड-ग्वालियर अपडाउन करते है। स्कूल और आंगनबाडी में बच्चे नहीं जाते। शिक्षक नियमित रुप से स्कूल नहीं आते और जो जाते भी है तो दो-तीन घण्टे बिलंब से आते है और अपनी उपस्थिति दर्ज करा के वापस चले जाते है। ऐसे शिक्षकों को नेताओं का संरक्षण मिला होने के कारण अधिकारी भी उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर पाते।
एडीजीपी मीणा ने कहा कि आपसी विवादों में झूठी शिकायतें भी आती है तब स्थानीय नेता पुलिस पर दबाव बना देते है और निर्दोंष व्यक्ति झूठे मामले में फंस जाता है। इसके बाद उसमें बदले की भावना उपजती है और वह अपराध जगत में कूद जाता है। उन्होंने कहा कि समाज में नशे की बुराई व्याप्त है। इससे युवा पीढी न केवल दिग्भ्रमित हो रही है बल्कि गर्त में जा रही है। भिण्ड जिला उत्तरप्रदेश की सीमा से लगा होने के कारण इटावा, मैनपुरी, जालौन से स्मैक सहित अन्य नशे की साम्रगी आ जाती है। इस तरह के कारोबारियों को पकडवाने के लिए सभी को जाग्रत होने की जरुरत है।