भोपाल। मध्यप्रदेश खेल विभाग में डीएसओ भर्ती घोटाला सामने आया है। 8 डीएसओ जांच की जद में हैं जो फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी कर रहे हैं। इनके अलावा राजधानी भोपाल में पदस्थ विकास खराड़कर तो ऐसे हैं जो बिना पीएससी परीक्षा पास किए ही नौकरी प्राप्त कर गए। बताया जा रहा है कि विकास खराड़कर, मध्यप्रदेश कॅडर के आईएएस अफसर के रिश्तेदार हैं।

मप्र लोक सेवा आयोग की डीएसओ भर्ती में गड़बड़ी सामने आ रही है। परीक्षा में जाली सर्टिफिकेट के जरिए जिला खेल अधिकारियों की नियुक्ति की गई। खेल विभाग में जिला खेल अधिकारी की नियुक्ति में की गई गड़बडियां अब पकड़ में आ रही हैं। लोक सेवा आयोग की जिला खेल अधिकारी परीक्षा में जाली सर्टिफिकेट का खेल जोरों पर चला। इसके आधार पर खिलाडियों ने नौकरी हासिल कर ली।

गड़बड़ी का आलम ये रहा कि फुटबाल खिलाड़ी ने कबड्डी के सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी हासिल कर ली। ऐसा फर्जीवाड़ा करने वाले चार डीएसओ के नाम सामने आए हैं। उनकी अब जांच की जा रही है। इनके अलावा चार और डीएसओ संदेह के घेरे में हैं। सवाल खेल विभाग के अधिकारियों पर भी खड़ा हो रहा है कि आखिर सर्टिफिकेट को बिना जांचे-परखे कैसे पास कर दिया गया।

खेल विभाग में बिना परीक्षा के डीएसओ बने विकास आईपीएस अधिकारी के रिश्तेदार बताए जाते हैं। वो बिना एमपीपीएससी परीक्षा पास किए ही नौकरी पा गए। वह 13 साल से भोपाल में ही पदस्थ हैं। विकास खराड़कर एमपी-पीएससी की परीक्षा पास किए बिना डीएसओ बनाए गए और फिर डेपुटेशन के आधार पर उन्हें खेल विभाग में लाया गया। खेल विभाग के तत्कालीन पीएस अशोक सहाय ने आपत्ति जताई थी। उन्होंने विकास की नियुक्ति को लेकर सवाल खड़े किए थे। उनकी आपत्ति के बावजूद अकेले विकास खराड़कर का नाम आगे बढ़ाया गया था।

कमल किशोर आर्य (सीहोर)- फुटबॉल के खिलाड़ी हैं, लेकिन सर्टिफिकेट लगाया कबड्डी का और उसी आधार पर नौकरी भी पा गए। वर्ष 2011 में 32 साल की उम्र में कबड्डी का नेशनल सर्टिफिकेट लगाकर डीएसओ परीक्षा में पास हुए। संतरा, हैंडबॉल खिलाड़ी, अरविंद सिंह राणा, बालाघाट, शैलेंद्र जाट के नाम सामने आए है।
इन चारों के अलावा चार और भी जांच के दायरे में हैं। इनमें प्रो.अहमद, पवि दुबे, जितेंद्र देवड़ा और उमा पटेल के नाम शामिल हैं।

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