भोपाल। मध्यप्रदेश ने पिछले वर्षों में अनेक क्षेत्र में देश को दिशा दिखायी है। फिर चाहे वह खेती को लाभदायी बनाना हो, खाद्यान्न उपार्जन में सूचना प्रौद्योगिकी का सफल प्रयोग हो या सुशासन अथवा समय-सीमा में लोक सेवाओं के प्रदान का कानून बनाना हो। अपने इन्हीं नवाचारी प्रयासों के अन्तर्गत शासकीय अनुदान योजनाओं में लीकेज को रोकने और हितग्राही चयन में पारदर्शिता के उद्देश्य से हितग्राही को सीधे अनुदान राशि उपलब्ध करवाने का कार्य मध्यप्रदेश में पहले से किया जा रहा है।
भारत सरकार द्वारा 1 जनवरी, 2013 से कुछ चुनिन्दा योजनाओं में केश सबसिडी सीधे हितग्राही के खाते में जमा करने के हालिया फैसले के पहले मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने सबसे पहले कृषि क्षेत्र में ही किसानों को अनुदान और ऋण राशि सीधे उनके खातों में जमा करने की व्यवस्था करीब दो साल पहले से लागू कर दी थी। इसके अलावा विभिन्न वर्गों के विद्यार्थियों के लिये लागू विभिन्न तरह की छात्रवृत्तियों, निःशुल्क सायकल वितरण और गणवेश प्रदाय की राशि भी सीधे विद्यार्थियों के परिवारों के बैंक खाते में जमा करने के साथ ही शाला प्रबंधन समिति को दी जाने वाली राशि सीधे समितियों के खातों में जमा की जा रही हैं।
गेहूँ उपार्जन के 13,250 करोड़ किसानों के खाते में
इसके अलावा इस वर्ष गेहूँ उपार्जन की राशि भी किसानों के खातों में सीधे जमा की गई। कुल 10 लाख 26 हजार 720 किसान को 85 लाख से अधिक क्विंटल गेहूँ का समर्थन मूल्य पर प्रति क्विंटल 100 रुपये की बोनस राशि के साथ 13 हजार 250 करोड़ की राशि किसानों के खाते में जमा की गई।
सवा साल में 10 लाख से ज्यादा किसानों के खाते में 137 करोड़ से ज्यादा जमा
मध्यप्रदेश में किसानों के लिए संचालित विभिन्न हितग्राहीमूलक योजनाओं में राज्य शासन द्वारा किसानों को दिए गए ऋण पर अनुदान की राशि सीधे उनके खाते में जमा की जा रही है। वर्ष 2011-12 और चालू माली साल के प्रथम त्रैमास तक 10 लाख 15 हजार 930 किसानों के खाते में 137 करोड़ 49 लाख से ज्यादा की अनुदान राशि जमा की गई।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत इस अरसे में 36 हजार 995 किसान को करीब 38 करोड़ 91 लाख की अनुदान राशि सीधे उनके खातों में जमा करवायी गयी। लाभान्वितों में नलकूप, डीजल-इलेक्ट्रिक पम्प, स्प्रिंकलर, पाईप लाईन और शक्ति-चलित कृषि यंत्रों के प्रदाय की योजनाओं से लाभान्वित कृषक शामिल हैं।
आलोच्य अवधि में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना में 34 हजार 707 किसान के खातों में डीजल एवं इलेक्ट्रिक पम्प, स्प्रिंकलर, पाईप लाईन एवं शक्ति-चलित कृषि यंत्र क्रय करने के लिये 39 करोड़ 46 लाख की अनुदान राशि जमा करवाई गई है। इसी प्रकार आइसोपाम योजना में 40 हजार 967 किसान के बैंक खातों में स्प्रिंकलर, पाईप लाईन एवं शक्ति-चलित कृषि यंत्र क्रय करने के लिये 56 करोड़ 4 लाख से ज्यादा की अनुदान राशि जमा करवाई गई।
बॉयोगैस योजना में 1483 किसान के खातों में बॉयोगैस संयंत्र तैयार करने के लिये 52 लाख 14 हजार तथा बैलगाड़ी योजना में 110 किसान को बैलगाड़ी खरीदने के लिये 4 लाख 96 हजार 600 की अनुदान राशि उनके खाते में जमा करवाई गई। बलराम ताल योजना में 25 किसान को उनके खेत पर तालाब निर्माण के लिये 16 लाख की अनुदान राशि कृषकों के खाते में जमा करवाई गई।
इसके साथ ही मेक्रो मैनेजमेंट योजना में 211 किसान के खातों में ट्रेक्टर खरीदने के लिये 79 लाख 75 हजार 900 रुपये की अनुदान राशि जमा करवाई गई। अनुसूचित-जाति एवं जनजाति की नलकूप योजना में 1432 किसान के खातों में एक करोड़ 55 लाख की अनुदान राशि सीधे जमा करवाई गई है।

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