भोपाल ! मध्य प्रदेश में पूर्व मंत्री राघवजी प्रकरण के कारण मुसीबत में घिरी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राज्य सरकार के लिए कांग्रेस के विधायक चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी मददगार बन गए हैं। उन्होंने न केवल विधानसभा में कांग्रेस के लाए अविश्वास प्रस्ताव की हवा निकाल दी, बल्कि कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल हो गए हैं। कांग्रेस ने चतुर्वेदी को निष्कासित कर दिया है। कांग्रेस ने 13वीं विधानसभा के अंतिम सत्र में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था। इस प्रस्ताव पर गुरुवार को चर्चा होनी थी। कांग्रेस ने इस प्रस्ताव के जरिए सरकार के अन्य मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के घेरने की पूरी तैयारी कर रखी थी। कांग्रेस भ्रष्टाचार, अवैध खनन से लेकर शिवराज के परिजनों के खिलाफ खुलकर आरोप लगाने की तैयारी में थी।
विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू होती कि इससे पहले ही कांग्रेस विधायक और विधानसभा में उपनेता चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी ने ही अविश्वास प्रस्ताव का विरोध कर डाला। उनका कहना था कि नेता प्रतिपक्ष ने उनकी बात नहीं सुनी, जिन मसलों को वे अविश्वास प्रस्ताव में लाना चाहते थे, उन्हें शामिल नहीं किया गया। इतना ही नहीं, उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह का नाम लिए बगैर उनके एक ट्वीट को हिंदू धर्मावलंबियों के खिलाफ बताते हुए उन पर हमला बोला।
कांग्रेस विधायक के अपने ही दल पर किए गए हमले ने भाजपा विधायकों को उत्साहित कर दिया और वे कांग्रेस के खिलाफ नारे लगाने लगे। हंगामा बढ़ते देख विधानसभा अध्यक्ष ईश्वर दास रोहाणी ने विधानसभा की कार्रवाई आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी। दोबारा कार्रवाई शुरू होने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित अन्य मंत्रियों ने कहा कि जब नेता प्रतिपक्ष पर उनके ही दल के उपनेता को उन पर भरासा नहीं है तो अविश्वास प्रस्ताव किसके लिए है।
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव स्वीकारा था। एक विधायक के विरोध का कोई मतलब नहीं होता, लिहाजा अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होनी चाहिए।
संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्र व उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने तमाम संसदीय कार्य पूरे होने का हवाला देते हुए कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की मांग की, जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने स्वीकार करते हुए विधानसभा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।
विधानसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद चौधरी राकेश सिंह ने भाजपा कार्यालय पहुंचकर भाजपा की सदस्यता ले ली। मुख्यमंत्री चौहान ने चौधरी की सराहना करते हुए कहा कि राजनीति में कम ऐसे लोग होते हैं जो दल की नहीं दिल की बात सुनते हैं। राजनीतिक लाभ की बजाय सैद्धांतिक तौर पर राजनीति करते हैं। चौधरी ने सच बोलकर अपने कैरियर को दावं पर लगाया है। भाजपा उनका साथ देगी।
चौधरी राकेश सिंह का कहना है कि वे अविश्वास प्रस्ताव में कई ऐसे विषय जुड़वाना चाहते थे जो जनहित से जुड़े थे। राज्य के 741 लोग उत्तराखंड में अब भी लापता हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया, नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने वहां जाना मुनासिब नहीं समझा। राघवजी का प्रकरण भी अविश्वास प्रस्ताव में शामिल नहीं किया गया, वहीं एक नेता ने हिंदू भावनाओं के खिलाफ ट्वीट किया है।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने राकेश सिंह को ‘गद्दार’ कहा है। उनका कहना है कि राकेश सिंह ने कोई विषय अविश्वास प्रस्ताव में जोड़ने की बात नहीं की, उन्होंने पीठ में छुरा घोंपा है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री की पत्नी साधना सिंह, भाई प्रद्युम्न सिंह, नरेंद्र सिंह से जुड़े मामलों का खुलासा होना था, इससे मुख्मयंत्री डरे थे और उन्होंने इसीके चलते साजिश रची है।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस से बगावत करने वाले विधायक चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी को पार्टी ने निष्कासित कर दिया गया है। निष्कासन की घोषणा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने की है।
विधानसभा में गुरुवार को पार्टी के खिलाफ जाने वाले विधायक चतुर्वेदी को भूरिया ने अवैध कारोबारों में शामिल ‘फूलछाप कांग्रेसी’ करार दिया है। संवाददाताओं से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि चतुर्वेदी और भाजपा के बीच ‘बड़ी डील’ हुई है।

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