भोपाल।    प्रदेश में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी के लिए उठाए गए कदमों के कारण परिदृश्य तेजी के साथ बदल रहा है। विभाग द्वारा माताओं की प्रत्येक मौत के कारणों की गहन समीक्षा की व्यवस्था की गई है। सुरक्षित गर्भसमापन अब दवाओं के जरिए करवाया जाएगा। इसके लिए चिकित्सकों को तकनीकी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मातृ मृत्यु दर कम करने के लिए शासन की ओर से विभिन्न बिन्दुओं पर युद्धस्तरीय प्रयास किए जा रहे हैं , प्रदेश के अस्पतालों में आयपास के साथ मिलकर चिकित्सकों को सुरक्षित गर्भपात की तकनीक पर प्रशिक्षित किया जा रहा है। लेकिन गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व सभी जांचें, संस्थागत प्रसव, पौष्टिक आहार, बच्चों का संपूर्ण टीकाकरण आदि के लिए सामाजिक स्तर भी जनजागरूकता जरूरी है।

यह बात राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की संचालक एम. गीता ने आज सुरक्षित गर्भपात के बिन्दुओं पर एनआरएचएम और आयपास द्वारा होटल जहांनुमा पैलेश में आयोजित कार्यशाला में कही। कार्यशाला में स्वास्थ्य संचालक डा. संजय गोयल कहा कि आयपास के सहयोग से संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रम चिकित्सकों को सुरक्षित गर्भपात के लिए तकनीकी रूप से दक्ष बनाने का काम करेगा। कार्यशाला को आयपास इंडिया की कंट्री डायरेक्टर विनोज मेनिंग ने संबोधित करते हुए कहा कि मेडिकल एबार्सन को शासकीय अस्पतालों में बढ़ावा मिलने पर लोगों को अप्रशिक्षित और गैर मान्यताप्राप्त सेवा प्रदाताओं की सेवाएं नहीं लेना पड़ेंगी। इस अवसर पर मिशन संचालक डा. एम.गीता एवं डा. संजय गोयल ने सुरक्षित गर्भपात के तकनीकी बिंदुओं पर आधारित पुस्तक का विमोचन किया।

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