नई दिल्ली ! गुजरात में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में संभावित पराजय की आशंका को दूर करने के लिए भाजपा में भारी फेरबदल के संकेत मिल रहे हैं। गुजरात में पटेल आंदोलन के बाद से ही भाजपा के गिरते ग्राफ और आंदोलन से सही तरीके से न निपट पाना आनंदी के लिए भारी पड़ रहा है। आनंदी बेन की जगह नितिन पटेल को संभावित दावेदारों सबसे आगे माना जा रहा है। गुजरात के राजनीतिक हालातों पर राज्य के प्रभारी ओम प्रकाश माथुर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिपोर्ट मांगी थी, जिसके बाद ओम प्रकाश माथुर ने रिपोर्ट तैयार कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को सौंपी। रिपोर्ट में आनंदी बेन पटेल के नेतृत्व में चुनाव जीतने की संभावना को काफी कम बताते हुए उन्हें हटाना आवश्यक बताया है। सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट में ग्रामीण क्षेत्रों को लेकर सबसे ज्यादा चिंता व्यक्त की गई है। शहरी क्षेत्रों में जहां पार्टी की स्थिति अभी भी मजबूत बनी हुई है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में काफी नुकसान हुआ है। पिछले दिनों नगरीय निकाय व पंचायत चुनावों ने इसे मजबूती ही दी है, जहां शहरी क्षेत्रों में पार्टी का प्रदर्शन अच्छा रहा, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में कांग्रेस ने भाजपा के गढ़ में काफी बेहतर प्रदर्शन किया है।
ओम माथुर द्वारा पार्टी प्रमुख को सौंपी गई रिपोर्ट में पाटीदार आंदोलन को लेकर चिंता व्यक्त की गई है। रिपोर्ट में साफ लिखा गया है कि हमें पाटीदारों का आंदोलन नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। विधानसभा चुनावों के लिए जल्द ही राज्य सरकार में बड़े बदलाव आवश्यक हंै। सरकार व संगठन के बीच समन्वय बढ़ाने की भी बात रिपोर्ट में की गई है।
इस साल नवम्बर में 75 साल की होने वाली गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल को गुजरात के मुख्यमंत्री से हटाकर पंजाब का राज्यपाल बनाया जा सकता है। यह फैसला जल्द लिया जा सकता है।
आनंदी बेन पटेल ने 22 मई 2014 को सत्ता संभाली थी और इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि 22 मई के आसपास ही उनकी विदाई होगी। आनंदी बेन पटेल को नरेंद्र मोदी के स्थान पर कुर्सी मिली थी। लोकसभा चुनावों में भाजपा की भारी जीत के बाद नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने थे। अब दो साल बाद गुजरात में एक बार फिर से मुख्यमंत्री बदले जाने की अटकलें शुरू हो गई हैं।

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