खरगोन। मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने आज खरगोन जिले की कसरावद तहसील के ग्राम भोपालपुरा में इंदिरा सागर सिंचाई परियोजना की मुख्य नहर के 107 किलोमीटर से 155 कि.मी. तक नर्मदा जल प्रवाह कार्य माँ नर्मदा की पूजा-अर्चना के साथ लोकार्पित किया। इससे क्षेत्र के 240 ग्राम के 37 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि यहाँ का किसान अत्यधिक मेहनती है। अब उसे माँ नर्मदा का जल भी मिलने लगा है। आगामी तीन वर्षों में निमाड़ क्षेत्र कृषि उत्पादन में अग्रणी पंजाब जैसे राज्यों की बराबरी करने लगेगा। उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादन में निरंतर हो रही वृद्धि को ध्यान में रखते हुए वह भारत सरकार से गेहूँ का समर्थन मूल्य कम से कम 1600 रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित करने की माँग कर चुके हैं। श्री चौहान ने किसानों से परम्परागत फसलों के फसल चक्र में बदलाव लाएं तथा फलो-फूलों एवं सब्जियों का उत्पादन करने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विगत अक्टूबर में इंदौर में सम्पन्न ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में हुए एम.ओ.यू. की चर्चा करते हुए कहा कि इनसे प्रदेशभर के सभी क्षेत्रों में जो उद्योग धंधे लगाये जायेंगे उनमें पचास प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार देने की शर्त रखी गयी है। इससे प्रदेश में लगने वाले उद्योग धन्धों में कम से 27 लाख लोगों को रोजगार मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रदूषण फैलाने वाला कोई भी उद्योग स्थापित नहीं होने दिया जायेगा।

श्री चौहान ने कहा कि सभी शासकीय चिकित्सालयों में सभी लोगों को पूरी दवाईयां निःशुल्क उपलब्ध करवाई जायेंगी।

श्री चौहान ने तीर्थ-दर्शन योजना मे यात्रा कर लौटे वृद्धजनों को शाल-श्रीफल से सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर राज्य शासन की सुशासन की नयी पहल के तहत मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम 2010 को स्थानीय निमाड़ी भाषा में अनुवाद कर प्रकाशित की गयी पुस्तिका का विमोचन भी किया गया।

नर्मदा का जल सितम्बर 2013 तक क्षिप्रा में प्रवाहित होने लगेगा

किसान सम्मेलन में नर्मदा घाटी विकास मंत्री श्री कन्हैया लाल अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने नदियों को जोड़ने का जो कार्य प्रारंभ किया है उसे निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण किया जायेगा। उन्होंने बताया कि नर्मदा नदी का जल आगामी सितम्बर 2013 तक हर हालत में क्षिप्रा नदी में प्रवाहित होने लगेगा। श्री चौहान ने माँ नर्मदा का पूजा-अर्चन कर उन्हें चुनरी अर्पित की।

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