मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आचार्य शंकर एकता न्यास की प्रथम बैठक मुख्यमंत्री निवास में आज सम्पन्न हुई। बैठक में प्रतिमा, संग्रहालय, संस्थान स्थापना, परिसर निर्माण, स्थापत्य शैली और दृष्टि, न्यास का विधान, प्रशासकीय आवश्यकताओं, वित्तीय प्रबंधन और कार्यकारी समिति गठित किये जाने पर विचार किया गया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि न्यास द्वारा किये जाने वाले कार्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हों। संग्रहालय का स्वरूप विशेषज्ञों के परामर्श अनुसार हो। रूप-रेखा ऐसी हो, जो आदिगुरू के जीवन, दर्शन का परिचय और प्रेरणा दें। उन्होंने कहा कि मान्धाता पर्वत पर केवल प्रतिमा और संग्रहालय की स्थापना की जाये। वेदांत संस्थान की अन्य संरचनायें नीचे भूतल पर स्थापित की जायें। मुख्यमंत्री को बैठक में बताया गया कि प्रतिमा और संग्रहालय की स्थापना 4.26 हेक्टेयर के परिसर में मान्धाता पर्वत पर की जायेगी।

इस अवसर पर स्वामी संवित सोयगिरी जी, बीकानेर, स्वामी हरि ब्रम्हेन्द्रानंद तीर्थ जी, उत्तरकाशी, स्वामी मित्रानंद जी चैन्नई, स्वामी नचिकेता जी, हरिद्वार, स्वामी नित्य सुधानंदेश जी, राजकोट, स्वामी अरविंद जोशी जी, राजकोट, पदमश्री निवेदिता भिंडे, श्री मुकुल कानिटकर, मुख्य सचिव श्री बी.पी.सिंह, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री ए.पी. श्रीवास्तव, अपर मुख्य सचिव नर्मदा घाटी विकास श्री रजनीश वैश्य, प्रमुख सचिव संस्कृति श्री मनोज श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री एस.के. मिश्रा एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

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