भोपाल । मध्‍यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि प्रदेश की सरकार उधार का सिंदूर लेकर मांग भर रही है। गुरुवार को सदन में राज्यपाल मंगू भाई पटेल के अभिभाषण पर उन्होंने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि राज्य की वित्तीय स्थिति को लेकर एक श्वेत पत्र आना चाहिए। उन्होंने सरकार से कहा कि आप वास्तव में चाहते हैं तो कल्चर से जोड़ कर एग्रीकल्चर पर आना पड़ेगा। मध्य प्रदेश में शिक्षित बेरोज़गार की स्थिति भी किसी से छिपी नहीं है।

एक लाख 12 हज़ार पंजीयन पोर्टल पर रजिस्टर हैं। आप दावा करते हैं कि हर गांव में 24 घंटे बिजली दी है, अगर ये सही होगा तो मैं अभी नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफ़ा दे दूंगा। मुझे पद की लालसा नहीं मैं पद के भरोसे नहीं रहता। उन्होंने कहा कि चुनाव आता है तो बिजली के बिल माफ होते हैं और चुनाव जाता है तो वसूल किए जाने लगते हैं।

लाडली को नहीं मिलेंगे तीन हजार
सिंघार ने कहा कि एमपी में 18 साल पहले पैदा हुई लाड़ली लक्ष्मी आज भी मजदूरी कर रही है। मैं गारंटी से कहता हूं लाडली बहना को अब तीन हजार नहीं मिलेंगे। एमपी में सड़क बनी, लेकिन रोडबेज की बसें बंद कर दी गईं। हम लोग यहां वादे करते हैं लेकिन उसको पूरा करने में कमी छोड़ जाते हैं। आज भी प्रदेश में परिवहन केलिए लोग संघर्ष कर रहे हैं। हमने बसें चालू करने का वादा वचन पत्र में दिया था। उन्होंने कहा कि आम लोगों की भावनाओं को हम लोग पूरा नहीं कर पा रहे हैं। स्कॉलरशिप आज 250 रुपये साल दी जा रही है। 18 साल से भाजपा ने इसे नहीं बढ़ाया। सिंघार ने उज्जवला योजना जैसी कई योजनाओं को लेकर भी सवाल खड़े किए।

सिंघार ने कहा कि मैं आलोचना में ज्यादा पर विश्वास नहीं करता। मैं विरोधी नहीं प्रश्नकर्ता हूं। बीते 6 महीनों में भाजपा ने कई घोषणा की हैं। शिवराज जी पूरे प्रदेश में घूम रहे थे, लेकिन केंद्र सरकार कुछ और सोच रही थी। कई लोग दिल्ली से भेजे गए, लेकिन मुख्यमंत्री नए बन गए। उन्होंने कहा कि कैलाश जी ने सड़कों की बात की। वे वरिष्ठ सदस्य हैं। जब गरीब आदिवासी को गांव से अस्पताल जाने की ज़रूरत पड़ती है तो बसें नहीं होती हैं। ये एक मानवीय पहलू है।