सागर ।  मध्यप्रदेश के  सागर जिले के रहली कस्बे के खमरिया वार्ड में रहने वाले दर्जी जमना प्रसाद भदौरिया और उनकी तीनों बेटियों की तारीफ और मिसाल दी जा रही है। जमना प्रसाद की तीनों बेटियां सिर्फ पांच साल में एक एक करके पुलिस परीक्षा में सिलेक्ट होती गई। आर्थिक रूप से कमजोर जमना प्रसाद की और उनकी बेटियां आज के दौर में आईकान बन गई है। मेहनत और संघर्ष आपकी उम्मीदों को पूरा कर सकते है। जमना प्रसाद की बेटियां माया, ज्योति और मनीषा अब पुलिस की वर्दी में  नजर आएंगी। आर्थिक रूप से कमजोर  परिवार से आने वाली इन बहनों ने घर  की तंगी को पीछे छोड़कर पांच साल तक लगातार मेहनत की और अब तीनों का  चयन पुलिस आरक्षक के पद पर हो चुका  है।  

पिता का सिलाई का काम,मा गृहणी : बिना कोचिंग और महंगी पढ़ाई के पाई सफलता

रहली निवासी जमना प्रसाद टेलरिंग की दुकान चलाते है और उनकी पत्नी कुसुम गृहिणी हैं। आज के दौर मेंvकम आमदनी में तीन बेटियों की पढ़ाई कराना आसान नहीं था, लेकिन माता-पिता ने कभी  हार नहीं मानी। बेटियों की पढ़ाई-लिखाई और उनके भविष्य के लिए पैसे जुटाना परिवार के लिए एक बड़ी चुनौती थी। लेकिन, इन बेटियों ने हार नहीं मानी। दिन में घर के कामों में हाथ बंटाने के बाद वे रात-रात भर जागकर पढ़ाई करती थीं। कोचिंग या महंगे संसाधनों के अभाव में, उन्होंने खुद ही एक-दूसरे की मदद की और किताबों को अपना सबसे अच्छा साथी बनाया। तीनों बेटियों ने एक एक करके सफलता पाई और नाम रोशन किया।

सबसे पहले बड़ी बेटी माया का चयन पांच साल पहले हुआ। इसके  बाद तीन साल पहले छोटी बेटी मनीषा को  नौकरी मिली। अब 5 जून को मंझली बेटी नौकरी मिली। अब 5 जून को मंझली बेटी ज्योति की रायसेन जिले में पोस्टिंग हो गई  

कोचिंग और महंगे संसाधनों का अभाव  था, लेकिन तीनों बहनों ने एक-दूसरे को  पढ़ाकर, आत्मविश्वास बढ़ाकर पढ़ाई की। वे दिन में घर के काम करती थीं और रात  में पढ़ाई करतीं। किताबों को अपना दोस्त बनाया और बिना किसी विशेष मदद के शारीरिक और लिखित परीक्षा की तैयारी की। 

छोटी बहन और पुलिस पुलिस कर्मी मनीषा ने बताया कि “हम तीनों आज जिस मुकाम पर पहुंचे हैं, उसका श्रेय  हमारे माता-पिता और शिक्षक सलामत सर  को जाता है। हमारा सपना था कि देश के लिए कुछ कर सके। सभी ने मेहनत की और आज सफलता मिली। पिताजी ने  हम पर भरोसा किया,  हमें पढ़ने की पूरी आजादी दी। आर्थिक  परेशानी के बावजूद कभी पढ़ाई नहीं  छुड़वाई। यही भरोसा हमारी सबसे बड़ी  ताकत बना।”  

पिता बोले- हमारा सपना पूरा हो गया  जमना प्रसाद ने बताया कि उनकी तीनों  बेटियों के पुलिस बल में चयन होने की  खबर से परिवार के साथ पूरा गांव खुश है।  जब मेरी तीनों बेटियों का सिलेक्शन हुआ  तो जैसे हमारा सपना पूरा हो गया। आज  गांव में हर कोई हमारे परिवार की मिसाल  देता है।  

रहली के लिए गर्व की बात : अभिषेक भार्गव

तीनो बहिनो की इस कामयाबी को लेकर पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव के बेटे और भाजपा नेता अभिषेक भार्गव ने कहा कि बहुत खुशी की बात हे  हमारे क्षेत्र की तीनों बहने  रहली के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणादायक बन गई है। कड़ी मेहनत से सफलता मिलती  है। संसाधनों के बगैर भी मिलती है।