इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में महिला थाना पुलिस ने बच्चा बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। मौके से एक महिला और एक पुरुष को गिरफ्तार किया है। आराेपी 10 दिन की बच्ची को एक लाख 20 हजार रुपए में बेचने की तैयारी में थे। पुलिस ने सूचना के बाद योजना बनाकर आराेपियाें काे पकड़ा और बच्ची काे बरामद कर लिया।

सीएमएचओ डॉ. राम नरेश कुशवाह ने बताया कि महिला पुलिसकर्मी स्वाती पाठक बच्ची को लेकर अस्पताल आई थीं। बच्ची को किसी तरह की बाहरी चोट नहीं है। इन्होंने बताया कि समाजसेवी संस्था ईवा वेलफेयर सोसायटी ने महिला थाना पुलिस को शिकायत की थी कि एक महिला और पुरुष एक बच्चे को बेचने की फिराक में हैं। वे उसका लाखों में सौदा कर रहे हैं। इस पर पुलिस ने बताए गए स्थान रानी सती गेट पर घेराबंदी की। जैसे ही गिरोह बच्चे का सौदा करने पहुंचा, पुलिस ने उन्हें दबोच लिया। इनके पास से पुलिस ने 10 दिन की एक बच्ची को बरामद किया। पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में लेकर थाने भिजवाया, जबकि बच्ची को बाल कल्याण समिति के हवाले कर एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया गया।

पुलिस के अनुसार, पूछताछ में आरोपियों ने अपना नाम बबलू उर्फ तेजकरण पिता हेमराज ठक्कर और शिल्पा पति मनीष तेलंग निवासी नंदा नगर बताया। दोनों ही आरोपी पेशे से मेडिकल स्टाफ से जुड़े हुए हैं। पुलिस आरोपियों से बच्ची से जुड़ी जानकारी जुटा रही है कि आखिर बच्ची इनके पास कैसे आई। इसके अलावा वह बच्ची को किसी और क्यों बचने वाले थे। शुरुआती जांच में यह पता चला है कि आरोपियों ने इसके पहले भी कुछ बच्चों को लाखों रुपए में बेचने का काम किया है। एएसएपी मनीषा साेनी पाठक ने बताया कि सूचना के बाद दाे लाेगाें काे रानी सती गेट के पास से पकड़ा है। बच्ची किसकी है और कहां से लेकर आए थे, मामले में जांच कर रहे हैं।

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