ग्वालियर। भिण्ड से इटावा रेल का 30 साल का सपना अब 20 फरवरी को पूरा होने जा रहा है। भिण्ड से कोटा तक चलने वाली पेसेंजर रेल 20 फरवरी को पहली बार इटावा (उत्तरप्रदेश) जाएगी। इस रेल से यात्री सिर्फ 10 रुपए में 36.4 किलो मीटर का सफर 40 मिनट में तय कर सकेंगे। रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा, केन्द्रीय इस्पात मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर इसे हरी झण्डी दिखायेंगे।
रेलवे झांसी मण्डल के डीआरएम एसके अग्रवाल आज विशेष टेªन से भिण्ड आए और स्टेशन का जायजा लिया। कोटा पेसेंजर टेªन को हरी झंडी दिखाने आ रहे मंत्रियों के आगमन व व्यवस्था देखी डीआरएम भिण्ड से फूप तक गए।
वर्ष 1985-86 में गुना से इटावा के बीच रेलवे टैªक का काम शुरु किया गया था। 30 साल में गुना से भिण्ड के बीच रेलवे ट्रैक पर तो कई टेªनें दौडी लेकिन भिण्ड-इटावा के बीच 36.4 किलोमीटर का ट्रैक निर्माण कई बजाहों से अटका रहा। 15 साल में कई बार ऐसा हुआ जब इस टैªक पर यात्री ट्रेन चलाने का दावा एवं वादा राजनेताओं ने किए। हालांकि कभी बजट नहीं मिलने और ज्यादातर समय चंबल अभयारण्य के कारण सुप्रीम कोर्ट से पुल बनाने की अनुमति नहीं मिलने से टैªक नहीं बना। भिण्ड से इटावा रेल टैªक पर वर्ष 2002 में काम शुरु हुआ। फरवरी 2014 में काम पूरा हुआ और उसके बाद इंजन दौडाया गया। टैªन जल्द शुरु होती कि चंबल पुल के 6वें पिलर में दरार की आत सामने आई। 11 जुलाई 2014 में भिण्ड आएएनसीआर जीएम प्रदीप कुमार ने कहा था कि क्रेक मेंटेनेंस के बाद ट्रेन शुरु होगी। 5 और 30 दिसंबर को सीआरएस पीके वाजपेयी ने निरीक्षण किया और जेकेटिंग के बाद हरी झंडी की बात कही थी। अब सभी अडचनें खत्म होने के बाद 20 फरवरी को पहली यात्री रेल शुरु की जा रही है।
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