ग्वालियर। माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल द्वारा संचालित की जा रही हाईस्कूल और हायर सेकंडरी की परीक्षा में इस बार केन्द्र के अंदर नकल पाई गई तो केन्द्राध्यक्ष, सहायक केन्द्राध्यक्ष सहित परीक्षा केन्द्र पर तैनात पर्यवेक्षकों के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। 1 मार्च से शुरु हो रही परीक्षा के लिए जिला प्रशासन ने सभी 98 परीक्षा केन्द्रों में 42 को अतिसंवेदनशील तथा 38 केन्द्रों को संवेदनशील घोषित किया है। यह सभी परीक्षा केन्द्र सशस्त्र बल की निगरानी में रहेंगे। केन्द्रों पर नजर रखने के लिए प्रत्येक परीक्षा केन्द्र पर एक पर्यवेक्षक अलग से तैनात किया जा रहा है जो परीक्षा शुरु होने से लेकर समाप्ति तक केन्द्र पर ही उपस्थित रहेगा। उक्त पर्यवेक्षक केन्द्राध्यक्ष व पर्यवेक्षकों के अलावा सुरक्षा के लिए तैनात पुलिसबल की गतिविधियों की रिपोर्ट प्रशासन को प्रतिदिन देगा।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रवीण सिंह ने पत्रकारों को बताया कि परीक्षा में नकल रोकने के लिए बडी तैयारी की है। इस संबंध में केन्द्र के प्राचार्यों, संचालकों को भी अवगत करा दिया गया है। कल प्रशिक्षण शिविर में केन्द्राध्यक्षों एवं सहायक केन्द्रों की बैठक आहुति की गई है उसमें उन्हें भी अवगत करा दिया जाएगा। सीईओ प्रवीण सिंह ने साफ कह दिया है कि निरीक्षण में परीक्षा केन्द्रों के अंदर नकल पाई गई तो परीक्षा अधिनियम के तहत संबंधितों पर एफआईआर कराई जाएगी। और परीक्षा की गोपनीयता भंग हुई तो दोषियों के खिलाफ निलंबन और विभागीय जांच बिठाई जाएगी।
भिण्ड जिला प्रशासन की परीक्षा में सख्ती को देखते हुए ऐसा लगता है कि परीक्षा विधानसभा और लोकसभा चुनाव से ज्यादा संवेदनशील हैं। परीक्षा केन्द्रों के 200 मीटर के दायरे में आने वाली शराब दुकान, चाय दुकान, फोटो स्टेट की दुकान, गुटका पान मसाला जैसी दुकानें भी बंद रहेगी। परीक्षा केन्द्र के आसपास कर्यू जैसी स्थिति रखने की तैयारी की गई है। यह व्यवस्था पहली बार नहीं हुई, हर बार होती है। ग्रामीण क्षेत्रों में परीक्षा केन्द्रों पर कब्जा रोक पाने में अभी तक तो प्रशासन सफल नहीं हो पाया है। इस बार क्या होता है परीक्षा के दौरान ही पता चलेगा।
परीक्षा के दौरान पूरे मध्यप्रदेश में भिण्ड जिला ऐसा है जहां नकल के सर्वाधिक प्रकरण बनते है। खुलेआम नकल होने के कारण ही दीगर प्रदेशों के छात्र भी यहां पर दाखिला लेने के लिए आते है। वर्ष 2014-15 में भिण्ड में 2 हजार नकल प्रकरण बनाए गए थे। इससे पहले 2013-14 में भी 1500 नकल प्रकरण बनाए गए थे। नकल का आंकडा निरंतर बढता ही जा रहा हैं। भिण्ड में विद्या शिक्षा का मंदिर नहीं बल्कि एक उद्योग का रुप ले चुकी है।