नई दिल्‍ली। SC ने NCPCR को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सड़क पर रह रहे बच्चों के पुनर्विस्थापन को लेकर सुझाव देने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को निर्देश दिया कि सड़क पर रहे बच्चों की पहचान तत्काल की जाए और उसका डेटा NCPCR को दिया जाए। SC ने डीएम और डीसी को निर्देश दिया है कि ऐसे बच्चों की शैक्षणिक स्तिथि का पता लगाने का निर्देश दिया जाए जिनको PM केयर फंड के तहत लाभ दिया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 30 नवंबर को होगी। एमिकस क्यूरी गौरव अग्रवाल ने बताया कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में दो लाख बच्चे सड़कों पर रह रहे हैं। दिल्ली की सड़कों पर 70 हज़ार बच्चे रह रहे हैं। एमिकस क्यूरी गौरव अग्रवाल ने बताया कि सड़क पर रह रहे बच्चों के पुनर्विस्थापन को लेकर किसी राज्य ने अभी तक हलफनामा नहीं दाखिल किया है। 

  ASG नटराजन ने कहा कि यह सिर्फ चार राज्यों का आंकड़ा है, दूसरे राज्यों ने भी इनकी पहचान करना शुरू कर दिया है, यह आंकड़ा 15 से 20 लाख तक हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा की क्या यह चार राज्य भी अपने यहां सड़कों पर रहने वाले बच्चों का आंकड़ा दोबारा जुटाएंगे या इसी आंकड़े के साथ काम करेंगे। SG नटराजन ने कहा कि यह आंकड़े केवल 10 शहरों के हैं, राज्य बच्चों की पहचान की प्रक्रिया शुरू करेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से ASG ऐश्वर्या भाटी ने बताया एक हफ्ते में बच्चों का आंकड़ा पोर्टल पर अपलोड करेंगे। C  कहा कि सड़क पर रह रहे बच्चों को तरजीह देनी होगी। इसमें किसी तरह की देरी ना होनी चाहिए। आप अपने अधिकारियों से इसपर काम करने को कहें जैसे कोरोना के दौरान अनाथ हुए बच्चों के लिए किया गया था।

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