भोपाल  राज्य प्रशासनिक सेवा की अफसर और छतरपुर में डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. बांगरे ने प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन विभाग को लिखे पत्र में कहा है कि घर के उद्घाटन के कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति नहीं मिलने पर वह दुखी हैं. उनका बैतूल के आमला में 25 जून को घर का उद्घाटन था. उसके अलावा अंतरराष्ट्रीय सर्व धर्म शांति सम्मेलन का आयोजन भी होना है. इसके लिए बांगरे महिलाओं को प्रेरित कर रही हैं. इस कार्यक्रम के लिए भी छुट्टी न मिलने से बांगरे नाराज हुईं. उन्होंने इसे धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला बताया है.

निशा बांगरे ने हाथ से लिखे पत्र में कहा है कि मकान के उद्घाटन कार्यक्रम विभाग ने मुझे ही शामिल नहीं होने दिया. इस बात से मैं दुखी हूं. विभाग ने धार्मिक कार्यक्रम में विश्व शांति दूत और बुद्ध की अस्थियों के भी दर्शन लाभ करने की अनुमति नहीं दी. इससे मेरी धार्मिक भावनाओं को क्षति पहुंची है. मैं अपने मौलिक अधिकार, धार्मिक आस्था और संवैधानिक मूल्यों से समझौता करके अपने डिप्टी कलेक्टर के पद पर बने रहना उचित नहीं समझती. इसलिए मैं अपने डिप्टी कलेक्टर पद से 22 जून को इस्तीफा देती हूं.

सरकार ने नहीं दी कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति
गौरतलब है कि छतरपुर के लवकुश नगर में पदस्थ एसडीएम निशा बांगरे को सरकार ने बैतूल जिले के आमला में आयोजित हो रहे अंतरराष्ट्रीय सर्व धर्म शांति सम्मेलन में शामिल होने की अनुमति नहीं दी. राज्य शासन के पत्र में कहा गया था नियमों के आलोक में उपरोक्त स्वरूप के किसी कार्यक्रम को आयोजित करने और उसमें सम्मिलित होने की अनुमति प्रदान नहीं की जा सकती. मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के अनुसार कार्यवाही की जाना अपेक्षित है.

राजनीति में जा सकती हैं निशा
राज्य सरकार के इस पत्र के बाद निशा
बांगरे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. दरअसल यह चर्चा है कि बालाघाट में जन्मी 2016 बेच की डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे राजनीति में जा सकती हैं. वे आमला विधानसभा में पिछले एक साल से सक्रिय हैं. उनकी सक्रियता से सियासत गरमाई हुई है. उनके चुनाव लड़ने की भी अटकलें हैं.