चेन्नई। तमिलनाडु सरकार ने कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के प्रसार को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के कारण राज्य में गणेश चतुर्थी उत्सव पर सार्वजनिक स्थानों पर मूर्ति स्थापना पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस तरह का प्रतिबंध लगातार दूसरे वर्ष लगाया गया है। इस बार गणेश चतुर्थी उत्सव 10 सितंबर को है और हर वर्ष राज्य के विभिन्न हिस्सों में हिंदू समुदाय और विभिन्न हिंदू संगठन एक लाख से अधिक मूर्तियां स्थापित करते हैं। सप्ताह भर चलने वाला यह उत्सव सरकार द्वारा चिन्हित समुद्र तटों और अन्य नदियों में मूर्ति विर्सजन के बाद समाप्त होगा।

  हालाँकि पिछले वर्ष अन्नाद्रमुक सरकार ने  कोविड महामारी का हवाला देते हुए समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया था और लोगों को अपने घरों से त्योहार मनाने की अपील की थी और लोगों को सार्वजनिक स्थानों पर मूर्तियों की स्थापना की अनुमति भी नहीं दी थी।    दस वर्षो के बाद सत्ता में आई द्रविड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सरकार ने कोविड महामारी के प्रकोप को देखते हुए रविवार के दिन सभी समुद्र तटों को बंद कर दिया है। द्रमुक सरकार ने गणेश चतुर्थी उत्सव के सार्वजनिक समारोह पर प्रतिबंध लगा दिया है।  

यहां जारी एक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने सार्वजनिक स्थानों पर गणेश की मूर्तियों की स्थापना, जुलूस निकालने और समुद्र तटों तथा अन्य जल निकायों में मूर्तियों के विसर्जन पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।

  सरकार ने लोगों से अपने घरों में त्योहार मनाने का अनुरोध करते हुए लोगों को अकेले ही घर के पास के जलाशयों में मूर्तियों को विसर्जित करने की अनुमति दी  है।सरकार ने सभी संगठनों के सार्वजनिक स्थानों पर मूर्तियों को स्थापित करने और विसर्जित करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

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