-बिहार के 10वीं पास युवक ने वेबसाइट डेवलप कर बनाए फर्जी वोटर आईडी-आधार कार्ड

भोपाल । मध्यप्रदेश में 20 हजार से ज्यादा वोटर आईडी और आधार कार्ड फर्जी हैं। स्टेट साइबर पुलिस की पड़ताल में यह खुलासा हुआ है। मामले में बिहार से एक आरोपित को गिरफ्तार किया गया है। 10वीं पास इस आरोपित ने फर्जी वेबसाइट के जरिए यह दस्तावेज तैयार किए हैं। यह जानकारी बुधवार को एडीजी, स्टेट सायबर पुलिस योगेश देशमुख ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों को दी। इस मौके पर सायबर सेल एसपी वैभव श्रीवास्तव सहित अन्य पुलिस अधिकारी और बड़ी संख्या में पत्रकार उपस्थित रहे।

योगेश देशमुख ने बताया कि राज्य में साइबर क्राइम की रोकथाम और शातिर अपराधियों की धरपकड़ के लिए मप्र पुलिस निरंतर सक्रियता और तत्परता से कार्य कर रही है। भोपाल की राज्य साइबर पुलिस ने ऑनलाइन माध्यम से फर्जी पहचान-पत्र बनाकर देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया तथा आंतरिक सुरक्षा को खतरे में डालने वाले आरोपित को महज दो सप्ताह में बिहार के पूर्वी चंपारण से गिरफ्तार किया है।

एडीजी योगेश देशमुख ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा समस्त राज्यों के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों को यह शिकायत भेजी गई कि किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा फर्जी वेबसाइट बनाकर उससे लोगों के अवैध मतदाता फोटो पहचान पत्र तैयार किए जा रहे हैं। भोपाल स्थित राज्य सायबर पुलिस मुख्यालय को मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के माध्यम से 27 मार्च 2024 को यह जानकारी प्राप्त हुई।

एडीजी ने बताया कि उक्त शिकायत संवेदनशील होने के कारण राज्य साइबर पुलिस मुख्यालय ने इसे अत्यंत गंभीरता से लिया और तत्काल अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया। राज्य सायबर टीम ने तत्काल कार्यवाही करते हुए विवेचना प्रारंभ की। विवेचना टीम द्वारा बिहार के हरसिद्धि, मोतिहारी, पूर्वी चंपारण में तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर अलग-अलग स्थानों पर आरोपित की पहचान स्थापित करने के लिए तकनीकी तथ्यों व ओपन सोर्स इंटेलिजेंस नेटवर्क टूल्स के आधार पर कई लोगों से पूछताछ की तथा मुख्य आरोपित को विधिवत गिरफ्तार कर अपराध में प्रयुक्त फर्जी बैंक खातों की पासबुक, एटीएम कार्ड, पेटीएम क्यूआर कोड, सोर्स कोर्ड आदि विधिवत जब्त किए। तत्पश्चात पुलिस ने गहन तकनीकी साक्ष्यों का संग्रहण कर इस केस के मास्टरमाइंड आरोपित रंजन (20) पुत्र अशोक चौबे निवासी सोनवर्षा, थाना हरसिद्धि, जिला पूर्वी चंपारण, बिहार को चिन्हित कर पूर्वी चंपारण, बिहार से मात्र दो सप्ताह में गिरफ्तार कर लिया गया।

कोई भी 20 रुपये का भुगतान कर बना सकता था फर्जी आईडी
एडीजी देशमुख ने बताया कि आरोपित द्वारा बनाई गई फर्जी वेबसाइट के माध्यम से कोई भी व्यक्ति किसी भी अन्य का फोटो, नाम, पता, हस्ताक्षर एवं अन्य जानकारी का उपयोग कर फर्जी मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड प्राप्त करने के लिए क्यूआर कोड के माध्यम से मात्र 20 रुपये का भुगतान कर फर्जी आईडी प्राप्त कर सकता था या फिर उसे मूल आईडी के रूप में भी उपयोग कर सकता था। इस फर्जी वेबसाइट पर अब तक 28 हजार हिट्स हो चुके हैं और नवंबर से अब तक आरोपित इस वेबसाइट के माध्यम से तीन लाख रुपये ठग चुका है।

आरोपित द्वारा स्वयं को गोपनीय रखने हेतु अपनाए गए तरीके
एडीजी देशमुख ने बताया कि आरोपित रंजन चौबे मात्र 10वीं उत्तीर्ण है। उसने वेबसाइट बनाने का पूरा कार्य यू-ट्यूब के माध्यम से सीखा। उसने ऑनलाइन माध्यम से सोर्स कोड खरीदा और उसमें परिवर्तन कर फर्जी खाते में रुपये प्राप्त करने लगा। उसने उत्तरप्रदेश से फर्जी सिम ली, पेटीएम व एसबीआई के फर्जी खाते बनाए और डार्कवेब से फर्जी क्रेडिट कार्ड भी बनाया। वेबसाइट तैयार करने के लिए आरोपित ने विदेश में स्थित कंपनी से डोमेन खरीदा, टेलीग्राम के माध्यम से फर्जी पहचान प्राप्त करके सर्वर स्पेस खरीदा और अमेरिकन सर्वर के माध्यम से इनडायरेक्ट क्लाउड होस्टिंग की। आरोपित हर कम्युनिकेशन के लिए फर्जी ई-मेल का इस्तेमाल करता था।

देशहित में करें अपनी प्रतिभा का उपयोग: एडीजी
एडीजी देशमुख ने कहा कि किसी भी असुरक्षित और फर्जी वेबसाइट पर विजिट करने से बचें। मतदान पहचान पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि किसी भी तरह के पहचान-पत्र सदैव शासन द्वारा मान्य या सत्यापित वेबसाइट से ही बनवाएं। नया पहचान-पत्र बनवाने के लिए शासन या विभाग द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन करें। उन्होंने कहा कि नागरिक भी इस तरह की वेबसाइट्स से किसी तरह की फर्जी आईडी न बनाएं, न उपयोग करें और न ही अपने पास रखें। पकड़े जाने पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है। युवा भी अपनी प्रतिभा का गलत उपयोग न करें। अपने इस टैलेंट को देश के हित में उपयोग करें।