कर्नाटक। आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के प्रभावक शिष्य मुनिश्री 108 चिन्मय सागर जी महाराज ने शारीरिक व्याधि के कारण 12 अक्टूवर को शरीर त्यागने का निर्णय लिया था। उन्होंने गुरु आज्ञा से संलेखना धारण की थी। उन्होंने सभी प्रकार के आहार का त्याग कर दिया था। उन्होंने आज शाम 6.35 पर अपना शरीर त्याग दिया। का की समाधि हो गयी है।
मुनि चिन्मय सागर महाराज इस समय कर्नाटक के जुगुल में चातुर्मास कर रहे थे। इसी दौरान उन्हें गंभीर बीमारी कैंसर का पता चला। मुनिश्री ने पहले देशी इलाज कराने का प्रयास किया लेकिन कोई लाभ नहीं मिलने पर गुरु आज्ञा से संलेखना पूर्वक शरीर त्यागने का फैसला किया।
मुनि श्री का कल शनिवार को कर्नाटक के जुगुल में भव्य समारोह में अंतिम संस्कार किया जाएगा।
बाबाओ का विडियो।