वाशिंगटन, : अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआइए (CIA) के पूर्व विश्लेषक और दक्षिण एशिया मामलों के विशेषज्ञ ब्रूस रिडेल ने गुरुवार को कहा कि जैश-ए-मुहम्मद (Jaish-e-Mohammad) द्वारा जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी लेना पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ (ISI) की भूमिका पर सवाल खड़े करती है।

ब्रूस रिडेल ने कहा, इससे पता चलता है कि इस ऑपरेशन के मास्टरमाइंड को आइएसआइ का समर्थन हासिल है। उन्होंने कहा कि इस हमले के तार सीधे तौर पर पाकिस्तान से जुड़ते हैं और इसने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के समक्ष पहली बहुत बड़ी चुनौती पेश कर दी है।

रिडेल ने कहा, ‘यह इमरान खान के लिए वास्तविक चुनौती होगी, उनके प्रशासन के लिए पहली गंभीर चुनौती।’ अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी ने कहा, ‘पाकिस्तान को जैश-ए-मुहम्मद के खिलाफ कार्रवाई करनी ही होगी।’

ओबामा सरकार में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के एक पूर्व अधिकारी अनीश गोयल ने कहा कि इस भयावह हमले से पता चलता है कि कश्मीर में अभी भी पाकिस्तान के आतंकवादी समूह सक्रिय हैं।

हमले का इस तरह से जिम्मेदारी लेकर, जैश-ए-मोहम्मद स्पष्ट रूप से संकेत दिया है कि वो इस क्षेत्र में परेशानी पैदा करते रहेगा और इससे पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव बढ़ता रहेगा।न्होंने कहा कि इस हमले के मद्देनजर, प्रधानमंत्री मोदी पर कश्मीर में सक्रिय सभी आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बढ़ेगा।

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