भोपाल।    युवाओं को रोजगार दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली ‘मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजनाÓ की धीमी गति से सीएम नाखुश है। उन्होंने अपनी नाराजगी ‘परखÓ के दौरान अधिकारियों के समक्ष प्रदर्शित भी कर दी थी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को बिल्कुल साफ कर दिया है कि इस नीति में ढुलमुल रवैया बिल्कुल नहीं चलेगा। वीडियो कांफ्रेंसिंग में सीएम ने जिला अधिकारियों को स्पष्टï निर्देश दिए कि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार प्रदान करने के कार्यक्रम संचालित किए जाए। दरअसल विभाग ने अभी तक अपना निर्धारित लक्ष्य भी हासिल नहीं किया है।
ज्ञात हो कि ‘मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार नीतिÓ का शुभारंभ एक अपै्रल से किया जा चुका है। योजना के मुताबिक प्रदेश के युवाओं को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित कर उन्हें रोजगार के अधिक से अधिक अवसर प्रदान किए जाएंगे। साथ ही युवाओं को अपने रोजगार या व्यवसाय के लिए लोन की राशि भी स्वीकृत की जाएगी।
विभाग को 50 हजार हितग्राहियों का लक्ष्य दिया गया है, जो अभी तक सभी योजनाओं में सर्वाधिक है। विभाग के समक्ष यही सबसे बड़ी चुनौती हैं। इसके अलावा सबसे प्रमुख चुनौती हितग्राहियों को प्रशिक्षण प्रदान करने की है। दरअसल नोडल विभाग उद्योग संचालनालय को बनाया गया है। इस योजना में मुख्यमंत्री द्वारा की गई सभी घोषणाओं के हितग्राहियों को ऋण दिलाने सहित उन्हें प्रशिक्षण प्रदान किए जाने की योजना भी समाहित है। हालांकि प्रशिक्षण की व्यवस्था के लिए प्रदेश के सभी बड़े एनएसडीसी पार्टनर से एमओयू साइन किए जाएंगे, बावजूद इसके विभागों को लक्ष्य अधिक दिख रहा है। चूंकि योजना में उन सभी हितग्राहियों को शामिल किया जा रहा है, जो मुख्यमंत्री की पंचायतों में शामिल रहे हैं, इसलिए विभागों के लिए लक्ष्य पूरा करना भी जरूरी है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यदि विभाग को लक्ष्य पूरा करना है तो उसे वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाइडर्स को भी प्रशिक्षण का काम सौंप देना चाहिए। वीटीपी जिन हितग्राहियों को प्रशिक्षित करें, उन्हें संबंधित क्षेत्र में रोजगार और बैंक से ऋण दिलाने का कार्य भी सौंपा जाए।
योजना के क्रियान्वयन का दायित्व वाणिज्य, उद्योग और रोजगार विभाग को सौंपा गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में इस योजना का क्रियान्वयन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किया जाएगा। वर्तमान में अन्य विभागों द्वारा जितनी भी हितग्राही मूलक स्वरोजगार योजनाएं संचालित की जा रही हैं, उन हितग्राहियों को बैंकों से ऋण दिलाने का कार्य इस योजना में किया जाएगा। इसमें 0 से 50 हजार और 50 हजार से 25 लाख तक ऋण दिलाने की दो श्रेणियां विभाजित की गई हैं।

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