ग्वालियर। भिण्ड के चतुर्वेदी नगर में मकान मालिक बृद्ध माहिला को बिजली का करंट लगाकर हत्या करने के बाद उसके शव को घर के आंगन में ही दफना दिये जाने के मामले में कल बुधवार को भिण्ड जिला न्यायालय के प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश आरसी वार्ष्णेय ने आरोपी महिला पिंकी को उम्रकैद व उसके पति श्यामवीर को पांच साल की सजा सुनाई है।
अपर लोक अभियोजक जेपी दीक्षित ने आज यहां बताया कि 15 जुलाई 2011 को चतुर्वेदी नगर निवासी श्रीमती रामादेवी के मकान में भिण्ड जिले के उमरी थाना क्षेत्र के ग्राम विलाव निवासी श्यामवीर सिंह अपनी पत्नी श्रीमती पिंकी व बच्चों के साथ किराये पर रह रहे थे। मकान मालकिन श्रीमती रामादेवी से पिंकी का बच्चों की पिटाई को लेकर विवाद हो गया इससे गुस्साई पिंकी ने रामादेवी को उस समय बिजली के तारों का करेंट लगा दिया जब उसका पति जगदीश सिंह अपने गांव गया हुआ था और वह घर में अकेली थी । करेंट लगाने से रामादेवी की मौके पर ही मौत हो गई। बाद में पिंकी ने अपने पति श्यामवीर को बाजार से बुलाकर रामादेवी का शव घर के आंगन में गड्डा खोदकर दफना दिया।
दो दिन बाद रामादेवी के पति जगदीशसिंह गांव से वापस आया तो पत्नी रामादेवी घर पर नहीं मिली तो श्यामवीर ने बताया कि वह बाहर गई है। बाद में श्यामवीर और उसकी पत्नी पिंकी अपने बच्चों को लेकर घर में ताला डालकर भाग गये। बाद में जगदीशसिंह ने शहर कोतवाली में अपनी पत्नी रामादेवी के गुम होने की रिपोर्ट दर्ज कराई।
पुलिस ने जॉच के दौरान श्यामवीर और उसकी पत्नी पिंकी को गिरतार कर पूछताछ की तो उन्होंने हत्या करने का अपराध कबूल लिया। दोनों की निशानदेही पर रामादेवी का शव पुलिस ने घर के आंगन से बरामद कर लिया।
पुलिस की विवेचना और साक्ष्यों के आधार पर प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश आरसी वार्ष्णेय ने श्रीमती पिंकी को हत्या के मामले में उम्रकैद और पति श्यामवीर को हत्या के साक्ष्य छुपाने के मामले में 5 साल की सजा से दण्डित किया है।