ग्वालियर ! व्यापम पीएमटी फर्जीवाड़े में पुलिस को नए सुराग हाथ लग रहे हें। फर्जीवाड़े का मास्टर माइंड डॉ. जगदीश सागर पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद जिस तरह से पूछताछ में खुलासे कर रहा है उससे यह स्पष्ट हो रहा है कि कई बड़े अफसरों व नेताओं के बच्चों के एडमीशन फर्जी तरीके से मोटी रकम लेकर कराए गए हैं। मास्टर माइंड डॉ. सागर ने शनिवार की रात एसआईटी को पूछताछ में बताया कि उसने पीएमटी मतें फर्जी जरीके से करीब 300 छात्रों का मेडिकल कालेजों में एडमीशन कराया है। ज्ञात रहे पीएमटी फर्जीवाड़े में डॉ. जगदीश सागर का नाम आने के बाद पुलिस उसे ग्वालियर लाई है। जब उससे यह पूछा गया कि वर्ष 1995 से 2000 के बीच उसने किन-किन लोगों के फर्जी तरीके से प्रवेश दिलवाया था, इस पर उसका कहना था कि कोई साबित नहीं कर सकता है कि एडमीशन फर्जी तरीके से हुआ है। उसने यह भी बताया कि प्रत्येक छात्र से करीब 3 लाख रूपए लिए हैं। डॉ. सागर ने यह भी बताया कि कुछ बड़े नेताओं, अफसरों व डॉक्टरों के बेटे-बेटियों का भी फर्जीवाड़े से एडमीशन कराया है। पुलिस इस जानकारी के आधार पर जांच करने में जुट गई है। डॉ. सागर के साथ पकड़े में आए दलाल विंध्यावासनी ने भी करीब 14 छात्रों का प्रवेश कराने की बात कही है। उधर जीआर मेडिकल कालेज प्रशासन ने एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर सत्र 2007 के छात्र कमलेश व मुकेश कुमार का नाम आने के बाद निष्कासित कर दिया है। ग्वालियर में पीएमटी फर्जीवाड़े की जांच कर रहे एडीशनल एसपी वीरेन्द्र जैन के अनुसार डॉ. सागर के खिलाफ इंदौर में फर्जी पासपोर्ट बनवाने का मामला भी दर्ज है, जो विदेश भागने की जुगाड़ में था। पीएमटी फर्जीवाड़े में चल रही जांच में अब तक क्या प्रगति हुई इसको लेकर एडीजी एसटीएफ सुधीर शाही ने भोपाल में बैठक ली। जल्द ही कोर्ट में सबूत पेश किए जाने हैं। सत्र 2010 बैच के छात्र जितेन्द्र तिजोरिया, धुंआराम गुर्जर, बादाम सिंह तथा धर्मेन्द्र शाक्य के खिलाफ थाना झांसी रोड पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।

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