इंदौर। कोरोना वारयस का हॉटस्पॉट बने इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह ने सभी व्यापारियों को साफ कर दिया कि सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा। वे सब्जियों का पैकेट बनाकर किराना दुकानवालों को देंगे। दुकानदार पैकेट सौंपने से एक दिन पूर्व एक दिन पहले उन्हें पैकेट की संख्या बताएंगे। किराने वाले दस रुपए डिलेवरी चार्ज लेंगे और व्यापारी को 140 रुपए ही मिलेंगे।


एक पैकेट में 200 ग्राम धनिया, 200 ग्राम मिर्ची, 100 ग्राम अदरक, दो नीबू, 1 किलो लौकी, 500 ग्राम भिंडी, 1 किलो टमाटर और एक अन्य कोई भी लोकल सब्जी, जिसमें पालक, बैंगन, गोभी, ककड़ी या गाजर होगी। गौरतलब है कि व्यापारियों के लिए ये घाटे का सौदा है। वहीं कलेक्टर मनीष सिंह ने साफ कर दिया कि सारी सब्जी अच्छी होनी चाहिए। पैकेट बनाने से पहले खराब सब्जी को पहले ही छांटकर अलग कर दिया जाएगा। कुछ व्यापारियों के सवाल करने पर कलेक्टर ने साफ कर दिया है कि एक माह मत कमाओ,ये सेवा ही कर लो। इस पर मंडी के अध्यक्ष सुंदर दास माखीजा ने सभी व्यापारियों की तरफ से अच्छी सब्जी देने का आश्वासन दिया।


सब्जी के लिए छह सेक्टर बनाए गए हैं। प्रत्येक सेक्टर में 80 कर्मचारी होंगे. एक थोक व्यापारी के साथ 12 दूसरे छोटे व्यापारी और मिडिल मैन को शामिल किया गया है। सारी व्यवस्था में नगर निगम के जोनल अधिकारी व्यापारियों की मदद करेंगे। वहीं अवैध रूप से सब्जी की कोई दूसरी गाड़ी आती है तो उसे जब्त कर लिया जाएगा। माल बुलाने व भेजने वालों पर आपराधिक मुकदमा भी दर्ज होगा।


सब्जी सप्लाई की व्यवस्था सुचारू होने के सात दिनों के बाद इसी तरह फलों को भी घर घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी जिससे लोगों को फल भी अपने घर पर उपलब्ध हो जाएंगे। केंद्रीय दल ने घर—घर राशन पहुंचाने की नगर निगम की व्यवस्था को सराहा था इसलिए उसी तर्ज पर अब सब्जियों और फलों की भी होम डिलेवरी की व्यवस्था की जा रही है।

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