ग्वालियर। मध्यप्रदेश के भिण्ड जिले के लहार विधानसभा से भाजपा से बगावत कर बसपा के टिकट पर चुनाव लड रहे प्रत्याशी रसाल सिंह ने आज चुनाव प्रचार के दौरान कहा है कि जो लोग पहले कांग्रेस के लिए डंप (बूथ कैप्चर) किया करते थे, वे अब हमारे साथ हैं। यह बयान लहार विधानसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे रसाल सिंह ने मीडिया के सामने दिया है। भाजपा से बगावत करके बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे रसाल सिंह ने दावा किया है कि जो लोग कांग्रेस के लिए डंप किया करते थे वह उनके साथ आ गए हैं और अब यही लोग बीएसपी के वोटरों का वोट डलवाने का काम करेंगे।
रसाल सिंह के इस बयान ने इस बात को जग जाहिर कर दिया है कि भिण्ड में चुनाव में बूथ कैप्चर होता हुआ आया है। बसपा प्रत्याशी रसाल सिंह ने यह बयान लहार विधानसभा के दबोह इलाके में मीडिया से चर्चा के दौरान दिया है।
इसके साथ ही रसाल सिंह ने इस बात का दावा भी किया है कि उमा भारती के बिना बीजेपी चुनाव नहीं जीत सकती है। इतना ही नहीं, बसपा प्रत्याशी ने पिछले दो बार की विधानसभा चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी होने के बावजूद चुनाव हारने पर इस बात का दावा किया है कि भाजपा ने ही मिलकर उन्हें चुनाव हरवाया था।
रसाल सिंह ने कहा कि वे पिछले चुनाव में जब बीजेपी से उम्मीदवार बने तो सीएम शिवराज सिंह चौहान का कार्यक्रम भिण्ड जिले की पांच विधानसभा सीट पर होना था। लेकिन सीएम शिवराज सिंह ने जिले की चार विधानसभा सीटों पर तो प्रचार किया, पर वे लहार नहीं आए, जिसका मैसेज जनता और अधिकारियों के बीच यह गया कि रसाल सिंह को सीएम शिवराज सिंह चौहान चुनाव हरवाना चाहते हैं और यही वजह रही कि बीजेपी के लोगों ने ही उन्हें चुनाव हरवा दिया।
रसाल सिंह इन दावों से बाद हम आपको बता देना चाहते हैं कि रसाल सिंह उमा भारती के कट्टर समर्थक रहे हैं। वे भिण्ड जिले की रौन विधानसभा सीट से 4 बार विधायक भी रहे, लेकिन साल 2008 में हुए परिसीमन में रौन विधानसभा सीट खत्म कर दी गई। इसके बाद भी साल 2013 और साल 2018 में बीजेपी के टिकट पर लहार विधानसभा से चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि, वे दोनों बार कांग्रेस प्रत्याशी डॉ गोविंद सिंह से हार गए थे।
साल 2008 के चुनाव में लहार विधानसभा सीट से बीजेपी की प्रत्याशी मुन्नी त्रिपाठी को महज 2900 वोट मिले थे। लेकिन साल 2013 के चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी रहे रसाल सिंह को 50000 से ज्यादा वोट मिले। इस बार के विधानसभा चुनाव में रसाल सिंह को उम्मीद थी कि भाजपा उन्हें टिकट देगी लेकिन उनका टिकट काटकर अंबरीश शर्मा को दे दिया गया।
इस बात से गुस्साए रसाल सिंह ने बीजेपी से बगावत कर दी और बीएसपी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतर आए हैं। अब उन्होंने यह बात कह कर सबको चौंका दिया है कि जो लोग अब तक कांग्रेस प्रत्याशी डॉक्टर गोविंद सिंह के लिए डंप यानी की बूथ कैप्चर करते हुए आए हैं, वे उनके साथ आ गए है। रसाल सिंह के इस बयान से जाहिर हो जाता है कि रसाल सिंह कांग्रेस और बीजेपी दोनों को ही टक्कर देने के लिए रणनीति बना रहे हैं।