रायपुर। रायपुर जिला के धरसीवां में नूरानी महिला स्व सहायता समूह की 12 सदस्यों द्वारा विविध प्रकार की व्यवसायिक गतिविधियों का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है। समूह की महिलाओं द्वारा पिछले 3 वर्षों से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धरसीवां में भर्ती प्रसूता महिलाओं एवं अन्य मरीजों को चाय-नाश्ता एवं गर्म भोजन प्रदाय किया जाता है। कोविड-19 महामारी के दौरान भी इस समूह ने सक्रिय रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस तरह सामाजिक एवं मानवीय दृष्टि कार्य करते हुए ये महिलाएं नियमित रूप से ना केवल आय अर्जित कर अपने परिवार का पालनपोषण कर रही है बल्कि अपने परिवार के जीविकोपार्जन में भी सशक्त भागीदारी निभा रही हैं।

समूह की महिलाओं के द्वारा इसी तरह ग्राम पंचायत धरसीवां में लीज पर लिए हुए तालाब में मछली पालन का कार्य भी सफलतापूर्वक किया जा रहा है। समूह के सदस्यों द्वारा व्यक्तिगत रूप से फैंसी दुकान ,सिलाई कार्य, बेकरी दुकान, बत्तख पालन, मुर्गी पालन, बकरी पालन ,पशुपालन एवं अन्य व्यवसायिक गतिविधियों का संचालन भी किया जा रहा है। समूह की महिलाओं ने बताया कि उन्हें राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान योजना से रिवाल्विंग फंड 15 हजार, एमसीपी राशि 1 लाख एवं बैंक ऋण के माध्यम से 5 लाख रुपए की राशि प्राप्त हुई थी। इससे विभिन्न आर्थिक गतिविधियों से आय अर्जित कर उनके द्वारा नियमित रूप से बैंक ऋण की किस्त भी जमा की जा रही है।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धरसीवा में कैंटीन संचालन तथा धरसीवां तालाब में मछली पालन से उन्हें प्रति वर्ष लगभग सवा लाख रुपए की आय हो रही है। इसके अतिरिक्त समूह की सदस्यों को व्यक्तिगत आजीविका गतिविधियों से पृथक-पृथक लगभग 5-5 हजार रुपए से अधिक की मासिक आय भी प्राप्त हो रही है। इस प्रकार समूह की महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो रही हैं और देश एवं समाज को भी आर्थिक प्रगति की ओर ले जा रही है, इससे इन महिलाओं के रहन-सहन में भी सकारात्मक बदलाव आया है।

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