कानपुर । कानपुर के चौबेपुर थाने में दर्ज जिस एफआईआर पर 30 साल से क्षेत्र के लिए दहशत बने विकास दुबे के अंत की पटकथा लिखी गई, उस रिपोर्ट को लिखाने वाले राहुल तिवारी का अब तक पता नहीं चला है। पुलिस को भी उसके लौटने का इंतजार है। वह दो जुलाई की घटना के बाद से ही लापता है। 


जादेपुर गांव निवासी राहुल तिवारी मोहनी निवादा में ससुराल की छह बीघा जमीन बचाने के लिए कानूनी कार्रवाई कर रहा था। इस पर उसे 27 जून को पीटा गया था। राहुल ने चौबेपुर थाने में तहरीर दी तो केस की धाराओं को लेकर शहीद बिल्हौर सीओ देवेंद्र मिश्रा व जेल भेजे गए चौबेपुर एसओ विनय तिवारी के बीच तकरार बढ़ गई थी। विनय तिवारी राहुल की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज नहीं करना चाहते थे। 2 जुलाई को सीओ के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज की गई थी। 


राहुल की एफआईआर के बाद ही पुलिस विकास दुबे के घर दबिश देने गई थी। बिकरू गांव में हुई घटना के बाद राहुल तिवारी अपनी पत्नी बच्चों को लेकर कहीं चला गया। फोन भी बंद कर लिया और आज तक नहीं खोला। पुलिस को उसकी तलाश है। केस की विवेचना में उसके बयान दर्ज होने हैं। उसके लापता होने से विवेचना आगे नहीं बढ़ पा रही है। बिकास की मौत के बाद पुलिस को यकीन था कि राहुल लौट आएगा पर वह नहीं लौटा और न ही परिजनों से सम्पर्क किया। चौबेपुर इंस्पेक्टर कृष्ण मोहन राय ने भी इसकी पुष्टि की है।

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